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पुणे। रांजणगांव औद्योगिक क्षेत्र के सामूहिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (सीटीपी) में कई गंभीर खामियां सामने आई हैं। इस प्रोजेक्ट से निकलने वाले सीवेज के कारण प्रदूषण हो रहा है, जिसकी वजह से महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने रांजणगांव औद्योगिक क्षेत्र को नोटिस जारी किया है। पिछले महीने इसी प्रकार के मामले में मंडल ने कुरकुंभ औद्योगिक क्षेत्र को भी नोटिस जारी की थी।

महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल और महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) इन दो सरकारी संस्थाओं के बीच तनातनी का माहौल है। रांजणगांव एमआईडीसी के सामूहिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर मंडल ने नोटिस जारी की है। मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी, जगन्नाथ साळुंखे ने यह नोटिस जारी की, जिसमें सीटीपी की कई समस्याओं पर सवाल उठाए गए हैं। नोटिस में उल्लेख किया गया है कि सीटीपी की कई इकाइयां बंद पड़ी हैं, और वहां का ‘ऑनलाइन डिस्प्ले बोर्ड’ भी काम नहीं कर रहा है। प्रोजेक्ट का अद्यतन कार्य भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है, जिससे आसपास का वातावरण प्रदूषित हो रहा है।

इससे पहले मंडल ने 25 सितंबर को कुरकुंभ एमआईडीसी को भी नोटिस जारी की थी। वहां जल प्रदूषण का मामला बार-बार सामने आ रहा है। स्थानीय नागरिकों ने शिकायत की थी कि एमआईडीसी का सीवेज नालों में जा रहा है, जिससे जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि में मंडल ने कुरकुंभ एमआईडीसी को नोटिस भेजी थी, जिसमें सीटीपी के कामकाज को लेकर सवाल उठाए गए थे।

एमआईडीसी का जवाब

महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट्स को बार-बार नोटिस भेजी जा रही हैं। एमआईडीसी ने कहा है कि प्रोजेक्ट्स में नियमों का पालन किया जा रहा है और यदि कुछ खामियां हैं, तो उन्हें सुधारने का प्रयास जारी है। मंडल की नोटिस का सही तरीके से जवाब दिया गया है, ऐसा एमआईडीसी के सूत्रों ने बताया है।

कोट

रांजणगांव एमआईडीसी को सामूहिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संबंध में जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। साथ ही, उनसे पूछा गया है कि क्यों न कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। – जगन्नाथ साळुंखे, क्षेत्रीय अधिकारी, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल