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पुणे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत जहाँ अब विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में आने की अनुमति दी गई है, वहीं सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय अब विदेशों में अपने कदम बढ़ा रहा है। कतर में पहले से संचालित शैक्षणिक केंद्र के बाद अब और चार देशों में भी विश्वविद्यालय के केंद्र स्थापित करने के लिए प्रबंधन परिषद ने मंजूरी दे दी है।

भारत में उच्च शिक्षा के लिए आने वाले विदेशी छात्रों में पुणे आने वाले छात्रों की संख्या काफी है, जिनमें खासकर अफ्रीकी और खाड़ी देशों के विद्यार्थी शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की कोशिशों के तहत तीन साल पहले कतर में विश्वविद्यालय का शैक्षणिक केंद्र शुरू किया गया था, जहां विविध पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इस केंद्र के माध्यम से लगभग 500 से अधिक छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसी क्रम में अब जॉर्जिया, दुबई, सऊदी अरब, और कज़ाखस्तान में भी नए केंद्र खोलने की योजना बनाई जा रही है।

हाल ही में विश्वविद्यालय की प्रबंधन परिषद की बैठक में इन देशों में शैक्षणिक केंद्र शुरू करने के प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इन देशों से विश्वविद्यालय का केंद्र खोलने के लिए पहले ही पत्राचार किया जा चुका था, और परिषद ने इन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। अब आगे की तकनीकी प्रक्रियाएँ पूरी करने के बाद केंद्र खोलने का मार्ग साफ हो सकेगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शर्तों के अनुसार, शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुलपति डॉ. सुरेश गोसावी ने बताया कि स्थानीय प्रबंधन के सहयोग से विश्वविद्यालय के इन केंद्रों को स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए इरादापत्र देने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।