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पुणे: छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी. एस. सिंहदेव ने महाराष्ट्र में भाजपा- महायुति सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार ने यहाँ के हीरा व्यापार, औद्योगिक कंपनियों और दुग्ध उद्योग को गुजरात जाने दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अन्य राज्यों के औद्योगिकीकरण का विरोध नहीं करती, लेकिन महाराष्ट्र में जो उद्योग आने वाले थे, उन्हें गुजरात में स्थानांतरित कर, भाजपा ने महाराष्ट्र की आर्थिक रीढ़ तोड़ने का काम किया है। 2019 में जब भाजपा सरकार सत्ता में आई थी, तब उसने महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने का वादा किया था। परंतु पाँच वर्षों में इस दिशा में कोई ठोस परिणाम नहीं आया। सिंहदेव ने भाजपा पर मतदाताओं से झूठे वादे करने का आरोप लगाया और कहा कि जहाँ पहले से स्थापित उद्योग हैं, उन्हें भी गुजरात में खींचना अनुचित है।

विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में सिंहदेव ने कांग्रेस भवन में मीडियाकर्मियों से बातचीत की। इस अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी, कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूरज हेगड़े और पुणे शहर जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अरविंद शिंदे भी मौजूद थे।

सिंहदेव ने आगे कहा कि महाविकास आघाड़ी ने ‘महाराष्ट्र नामा’ जारी किया है, जिसमें पहले 100 दिनों में ढाई लाख सरकारी नौकरियों की भर्ती का वादा किया गया है, और अगले पाँच वर्षों का नियोजन भी प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, 2030 तक महाराष्ट्र को प्रति व्यक्ति आय में सर्वोच्च स्थान पर ले जाने का लक्ष्य भी रखा गया है।

भाजपा- महायुति सरकार की नीतियों पर आलोचना करते हुए सिंहदेव ने कहा कि सरकार बनने के बाद से पुणे के हिंजवड़ी क्षेत्र से 37 आईटी कंपनियाँ और चाकण औद्योगिक क्षेत्र से 50 औद्योगिक कंपनियाँ महाराष्ट्र से बाहर चली गईं। भाजपा सरकार ने वेदांत-फॉक्सकॉन, टाटा एयरबस जैसे बड़े उद्योगों के साथ ही महाराष्ट्र के डेयरी उद्योग को भी गुजरात में स्थानांतरित करवा दिया है। धारावी में एक मिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है, वहाँ के निवासियों को विस्थापित करके उसकी जमीन एक बड़े उद्योगपति को देने की साजिश की जा रही है, जिससे महाराष्ट्र का आर्थिक नुकसान हो रहा है।

सिंहदेव ने यह भी बताया कि देश में सेमीकंडक्टर के पाँच बड़े प्रोजेक्ट आ रहे हैं, जिनसे साढ़े तीन हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था और लाखों रोजगार बनेंगे, लेकिन उनमें से चार प्रोजेक्ट केवल गुजरात में क्यों दिए जा रहे हैं? मुंबई का हीरा व्यापार भी गुजरात में ले जाया गया, जबकि सूरत में डायमंड बोर्स के लिए अनुकूल माहौल नहीं था। यह सब कुछ कुछ गिने-चुने लोगों को खुश करने के लिए किया जा रहा है।