सूर्यदत्त में ‘सूर्यभारत उद्योग अनुसंधान ज्ञानपीठ’ की स्थापना : प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया

Spread the love

 

 

सूर्यदत्त में ‘सूर्यभारत उद्योग अनुसंधान ज्ञानपीठ’ की स्थापना

प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया की जानकारी; छात्रों में स्टार्टअप, शोध और नवाचार की भावना विकसित होगी

………………………………
पुणे: छात्रों में स्टार्टअप, अनुसंधान और नवाचार का बीज बोने के साथ-साथ उन्हें उद्यमी बनने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स में ‘सूर्यभारत उद्योग अनुसंधान ज्ञानपीठ’ की स्थापना की गई है। इस संबंध में जानकारी सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने दी।
दिवाली के अवसर पर सूर्यदत्त की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया बोल रहे थे। यह कार्यक्रम पीवाईसी हिंदू जिमखाना में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर सूर्यदत्त की उपाध्यक्ष एवं सचिव श्रीमती सुषमा संजय चोरडिया, सह-उपाध्यक्ष स्नेहल नवलखा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी अक्षित कुशल, स्वप्नाली कोगजे (प्रबंधक – ऑपरेशन्स एंड रिलेशन्स), सूर्यदत्त कॉलेज ऑफ हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट एंड ट्रैवल टूरिज्म की विभागप्रमुख रसिका गुमास्ते आदि उपस्थित थीं।
प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने कहा, “सूर्यदत्त संस्था शिक्षा के माध्यम से ज्ञान प्रदान करने के साथ ‘मिशन: स्टार्टअप फॉर ऑल’ के उद्देश्य से प्रेरित होकर उद्यमिता और नवाचार को प्रोत्साहन देने का निरंतर प्रयास कर रही है। आने वाला समय उद्यमशीलता पर आधारित होगा। इसलिए छात्रों में स्टार्टअप, उद्यमिता और नवाचार की संस्कृति विकसित करना आवश्यक है। अधिक से अधिक उद्यमी तैयार करना समय की मांग है। छात्रों की रुचि, इच्छाशक्ति और विशेषज्ञता के आधार पर उनके उद्यमशील कौशल को विकसित करने पर बल दिया जाएगा। विभिन्न महाविद्यालयों, शाखाओं और समविचारी छात्रों के समूह बनाकर उन्हें उद्यमी बनने के लिए मार्गदर्शन और प्रोत्साहन दिया जाएगा।”
इस अभियान के एक भाग के रूप में छात्रों को सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। स्वास्थ्य, आत्म-अनुशासन और लक्ष्यनिष्ठ शिक्षा पर बल देते हुए उनकी रुचि और करियर लक्ष्यों के अनुरूप गतिविधियों में भागीदारी बढ़ाई जाएगी। उन्हें निष्फल या भटकाने वाली गतिविधियों से दूर रहने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। छात्रों के व्यक्तिगत परिवर्तन और चरित्र निर्माण की दिशा में सूर्यदत्त लगातार प्रयासरत है। इसके साथ ही इस पहल के तहत छात्रों को नवाचार करने, स्वदेशी उत्पाद एवं सेवाएँ विकसित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ऐसा प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने बताया।

‘सूर्यभारत उद्योग अनुसंधान ज्ञानपीठ’ की विशेषताएँ:
समावेशी उद्यमिता के अंतर्गत विद्यालय से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक सभी शाखाओं के छात्रों को अवसर
छात्रों को उनकी शैक्षणिक और व्यावसायिक विशेषज्ञता के आधार पर स्टार्टअप्स के लिए मार्गदर्शन
संस्थान की ओर से मार्गदर्शन, अवसंरचना, मेंटरिंग और वित्तीय सहायता
सूर्यदत्त के पूर्व विद्यार्थियों से मेंटरशिप और नेटवर्किंग का सहयोग
अगले चरण में, उद्यमिता में रुचि रखने वाले नागरिकों और पेशेवरों को भी सहभागिता का अवसर

‘सूर्यभारत’ पहल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय उत्पादों और सेवाओं को प्रोत्साहित करते हुए छात्रों से अधिक से अधिक उद्यमी तैयार करने की दिशा में यह पहल सहायक सिद्ध होगी। भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने में सूर्यदत्त संस्था हमेशा अग्रणी रही है। हम सदैव छात्रों में उद्योगोन्मुख मानसिकता विकसित करने पर जोर देते हैं।
“नौकरी माँगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें” — यही शिक्षा सूर्यदत्त में दी जाती है।
इसके साथ ही छात्रों के सर्वांगीण विकास, स्वस्थ जीवनशैली और मूल्याधारित शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने वाले सक्षम नागरिक तैयार करना ही हमारा उद्देश्य है।
— प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया, संस्थापक अध्यक्ष, सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन
………………………………………………………………………………………………………………

 

 

सूर्यभारत उद्योग अनुसंधान ज्ञानपीठ’ पहल की जानकारी देते हुए, बाएँ से — मुख्य कार्यपालन अधिकारी अक्षित कुशल, विभागप्रमुख रसिका गुमास्ते, उपाध्यक्षा एवं सचिव सुषमा चोरडिया, सह-उपाध्यक्षा स्नेहल नवलखा और प्रबंधक स्वप्नाली कोगजे आदि उपस्थित थे।

की जानकारी; छात्रों में स्टार्टअप, शोध और नवाचार की भावना विकसित होगी

………………………………
पुणे: छात्रों में स्टार्टअप, अनुसंधान और नवाचार का बीज बोने के साथ-साथ उन्हें उद्यमी बनने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स में ‘सूर्यभारत उद्योग अनुसंधान ज्ञानपीठ’ की स्थापना की गई है। इस संबंध में जानकारी सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने दी।
दिवाली के अवसर पर सूर्यदत्त की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया बोल रहे थे। यह कार्यक्रम पीवाईसी हिंदू जिमखाना में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर सूर्यदत्त की उपाध्यक्ष एवं सचिव श्रीमती सुषमा संजय चोरडिया, सह-उपाध्यक्ष स्नेहल नवलखा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी अक्षित कुशल, स्वप्नाली कोगजे (प्रबंधक – ऑपरेशन्स एंड रिलेशन्स), सूर्यदत्त कॉलेज ऑफ हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट एंड ट्रैवल टूरिज्म की विभागप्रमुख रसिका गुमास्ते आदि उपस्थित थीं।
प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने कहा, “सूर्यदत्त संस्था शिक्षा के माध्यम से ज्ञान प्रदान करने के साथ ‘मिशन: स्टार्टअप फॉर ऑल’ के उद्देश्य से प्रेरित होकर उद्यमिता और नवाचार को प्रोत्साहन देने का निरंतर प्रयास कर रही है। आने वाला समय उद्यमशीलता पर आधारित होगा। इसलिए छात्रों में स्टार्टअप, उद्यमिता और नवाचार की संस्कृति विकसित करना आवश्यक है। अधिक से अधिक उद्यमी तैयार करना समय की मांग है। छात्रों की रुचि, इच्छाशक्ति और विशेषज्ञता के आधार पर उनके उद्यमशील कौशल को विकसित करने पर बल दिया जाएगा। विभिन्न महाविद्यालयों, शाखाओं और समविचारी छात्रों के समूह बनाकर उन्हें उद्यमी बनने के लिए मार्गदर्शन और प्रोत्साहन दिया जाएगा।”
इस अभियान के एक भाग के रूप में छात्रों को सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। स्वास्थ्य, आत्म-अनुशासन और लक्ष्यनिष्ठ शिक्षा पर बल देते हुए उनकी रुचि और करियर लक्ष्यों के अनुरूप गतिविधियों में भागीदारी बढ़ाई जाएगी। उन्हें निष्फल या भटकाने वाली गतिविधियों से दूर रहने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। छात्रों के व्यक्तिगत परिवर्तन और चरित्र निर्माण की दिशा में सूर्यदत्त लगातार प्रयासरत है। इसके साथ ही इस पहल के तहत छात्रों को नवाचार करने, स्वदेशी उत्पाद एवं सेवाएँ विकसित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ऐसा प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने बताया।

‘सूर्यभारत उद्योग अनुसंधान ज्ञानपीठ’ की विशेषताएँ:
समावेशी उद्यमिता के अंतर्गत विद्यालय से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक सभी शाखाओं के छात्रों को अवसर
छात्रों को उनकी शैक्षणिक और व्यावसायिक विशेषज्ञता के आधार पर स्टार्टअप्स के लिए मार्गदर्शन
संस्थान की ओर से मार्गदर्शन, अवसंरचना, मेंटरिंग और वित्तीय सहायता
सूर्यदत्त के पूर्व विद्यार्थियों से मेंटरशिप और नेटवर्किंग का सहयोग
अगले चरण में, उद्यमिता में रुचि रखने वाले नागरिकों और पेशेवरों को भी सहभागिता का अवसर

‘सूर्यभारत’ पहल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय उत्पादों और सेवाओं को प्रोत्साहित करते हुए छात्रों से अधिक से अधिक उद्यमी तैयार करने की दिशा में यह पहल सहायक सिद्ध होगी। भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने में सूर्यदत्त संस्था हमेशा अग्रणी रही है। हम सदैव छात्रों में उद्योगोन्मुख मानसिकता विकसित करने पर जोर देते हैं।
“नौकरी माँगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें” — यही शिक्षा सूर्यदत्त में दी जाती है।
इसके साथ ही छात्रों के सर्वांगीण विकास, स्वस्थ जीवनशैली और मूल्याधारित शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने वाले सक्षम नागरिक तैयार करना ही हमारा उद्देश्य है।
— प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया, संस्थापक अध्यक्ष, सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन
………………………………………………………………………………………………………………

 

 

सूर्यभारत उद्योग अनुसंधान ज्ञानपीठ’ पहल की जानकारी देते हुए, बाएँ से — मुख्य कार्यपालन अधिकारी अक्षित कुशल, विभागप्रमुख रसिका गुमास्ते, उपाध्यक्षा एवं सचिव सुषमा चोरडिया, सह-उपाध्यक्षा स्नेहल नवलखा और प्रबंधक स्वप्नाली कोगजे आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *