युवाओं को स्क्रीन टाइम कम करना चाहिए: सोनू शर्मा

पुणे: आज की युवा पीढ़ी पास काफी क्षमता व अवसर हैं. उन्हें बस धैर्य रखना सीखना होगा। हर कोई जल्दी में लग रहा है. इसे कुछ हद तक नियंत्रण में लाया जाना चाहिए. साथ ही युवाओं को स्क्रीन टाइम भी कम करने की जरूरत है. उन्हें अपना कुछ समय परिवार, रिश्तेदारों को देना चाहिए और अपनी प्रतिबद्धताएं निभानी चाहिए्। हर व्यक्ति में असीमित क्षमता होती है। लेकिन यह सच है कि हम इनका सही समय पर पर्याप्त उपयोग नहीं करते ह््ैं। हम हर घटना पर प्रतिक्रिया देते हैं. इसके बजाय हमें जवाब देना सीखना चाहिए्, ऐसा सफलता का मंत्र मोटिवेशनल एक्सपर्ट सोनू शर्मा ने दिया.  

सामाजिक कार्यों में अग्रणी द ब्रदरहुड फाउंडेशन के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर बंटारा भवन, बाणेर में सोनू शर्मा के मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर फाउंडेशन के अध्यक्ष पवनकुमार जैन, संस्थापक जयप्रकाश गोयल, ईश्‍वरचंद गोयल,  सचिव रविकिरण अग्रवाल, सहसचिव नरेंद्र गोयल, कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल,  समन्वयक कर्नल नरेश गोयल, मुकेश कनोडिया, संजय अग्रवाल के साथ-साथ पुणे जिले के विभिन्न क्लबों और संगठनों के पदाधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पुणे जिले में अग्रवाल समुदाय के सभी क्लबों और संगठनों को एक साथ लाने और अग्रवाल समुदाय को एक परिवार में एकजुट करने के उद्देश्श से इस अभिविन्यास सम्मेलन का आयोजन किया गया था।  

व्याख्यान के आरंभ में सोनू शर्मा ने अपने प्रसिद्ध असफल कैरियर के बारे में जानकारी देकर श्रोताओं को अपना अपना बना लिया। चाहे कोई भी आपके बारे में कुछ भी सोचे, वह आपका असली रूप नहीं हो सकता। केवल अनुभव ही आपको सफलता की ओर नहीं ले जाता। व्यवहार में इसका सही प्रयोग आपको सफलता की ओर ले जा सकता है। शर्मा ने कहा, ज्ञान ही शक्ति है,  ज्ञान आपके बैंक खाते में दिखना चाहिए, अन्यथा यह सिर्फ एक मुहावरा बन कर रह जाएगा। क्रियान्वयन से ही ज्ञान शक्ति बडती है। प्रत्येक व्यक्ति में सफलता की अनेक सम्भावनाएँ और क्षमताएं हैं. आवश्यकता उन क्षमताओं को विकसित करने की प्रक्रिया की है। प्रक्रिया सफलता सुनिश्‍चित करती है। हालाँकि, शुरुआत में यह प्रक्रिया कठिन है। वह उसे इंतजार करवाती है. लेकिन इससे बाहर निकलने के बाद अपेक्षित सफलता निश्‍चित है। अपनी सहनशक्ति, कड़ी मेहनत में निरंतर रखे ।

परिवर्तन को अपनाएं: किसी भी क्षेत्र में जहां अवसर पैदा होते हैं, समय के साथ परिवर्तनों को सकारात्मक रूप से अपनाएं और अपनाएं, वे आपके लिए सफलता के कई नए अवसर लाएंगे। जो लोग परिवर्तनों का सामना नहीं करते, उन्हें प्रतिस्पर्धा द्वारा व्यवसाय से बाहर कर दिया जाता है, सोनू शर्मा ने दुनिया भर के कई ताजा उदाहरण दिए्। पहले यह सोचें कि अगले 10 से 25 वर्षों में आपके क्षेत्र में क्या हो सकता है। यदि आप पूर्वानुमानित हैं, तो आप अगले परिवर्तनों का अनुमान लगा सकेंगे और तुरंत तदनुरूप परिवर्तन कर सकेंगे। क्योंकि कोई भी बाज़ार लगातार कुछ नया, अलग, आकर्षक तलाश रहा है। उस नवाचार का जवाब दें, सफलता आपकी है, शर्मा ने यह भी कहा।

मन शक्तिशाली है, शरीर मन की बात सुनता है : हमारा मन बहुत शक्तिशाली है। हमारा मन जो सोचता है, उस प्रकार अपना  शरीर कृती करता है, उसी के अनुसार कार्य होते या बिगड़ते ह््ैं। इसलिए मजबूत और बहादुर बनो। अपनी गलतियों पर ध्यान मत दो. आगे की सोचो। शर्मा ने सलाह दी, काम देने वाले बनो, लेने वाले मत बनो।

स्क्रीन टाइम कम करें: युवाओं को संदेश देते हुए सोनू शर्मा ने कहा, आज की युवा पीढ़ी के पास क्षमता व अवसर हैं. उन्हें बस धैर्य रखना सीखना होगा। हर कोई जल्दी में लग रहा है. इसे कुछ हद तक नियंत्रण में लाया जाना चाहिए.’ साथ ही युवाओं को स्क्रीन टाइम भी कम करने की जरूरत है. उन्हें अपना कुछ समय परिवार, रिश्तेदारों को देना चाहिए और अपनी प्रतिबद्धताएं निभानी चाहिए्। कोविड काल एक अलग मायने में फायदेमंद रहा क्योंकि जिन तकनीकों को आने में कम से कम 15 साल लगे होंगे, वे कोविड के कारण तुरंत वास्तविकता बन गई्ं।